मैं शायर बदनाम मैं चला, मैं चला महफ़िल से नाकाम मैं चला, मैं चला मेरे घर से तुम को, कुछ सामान मिलेगा दीवाने शायर का, एक दीवान मिलेगा और एक चीज़ मिलेगी, टूटा खाली जाम शोलों पे चलना था, काँटों पे सोना था और अभी जी भर के, किस्मत पे रोना था जाने ऐसे कितने, बाकी छोड़ के काम रास्ता रोक रही हैं, थोड़ी जान हैं बाकी जाने टूटे दिल में, क्या अरमान हैं बाकी जाने भी दे ऐ दिल, सब को मेरा सलाम
राजेश खन्ना कि यादमे …
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