सुपरस्टार शाहरुख खान को भारत में बच्चों और महिलाओं के अधिकार के हित में उनके नेतृत्व के लिए एक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर यह 24 वां वार्षिक क्रिस्टल पुरस्कार था जहाँ शाहरुख खान को कैट ब्लैंचेट और गायक एल्टन जॉन के साथ पुरस्कार से नवाज़ा गया।
अभिनेता ने अपने सामाजिक पहल मीर फाउंडेशन के बारे में बड़े पैमाने पर बात की, जिसे अभिनेता ने अपने पिता के नाम पर नामित किया।
इस बारे में बात करते हुए शाहरुख खान ने कहा,”एक महिला को उसके चेहरे पर एसिड फेंकने से विचलित करने के लिए, मेरे लिए, पराजय के सबसे कमजोर, कुटिल कृत्यों में से एक है। इसके स्रोत पर यह धारणा है कि एक महिला को अपनी पसंद का दावा करने का अधिकार नहीं है, किसी व्यक्ति या लोगों के समूह की अग्रिमों को ना कहने का हक नही है।”
उन्होंने आगे कहा कि पीड़ितों ने उन्हें सिखाया कि कैसे साहस, उत्पीड़न में वीरता की हिम्मत कर सकते हैं, कैसे दान की जगह एकजुटता मानव को सक्ष्म बनाने के मददगार साबित होता है। कैसे समानता एक अवधारणा नहीं है लेकिन एक सच है जिसमे सभी प्राणि शामिल है। कैसे दुसरो की सेवा अब हम सब के लिए एक विकल्प नहीं है लेकिन यह एक कर्तव्य है कि हम सभी को मानव जाति के नाम पर पूरा करना होगा।”
अभिनेता ने अपनी गैर-लाभदायक मीर फाउंडेशन के माध्यम से मानव गरिमा को बनाए रखने के लिए एक अनुकरणीय प्रतिबद्धता दिखाने के लिए पुरस्कार प्राप्त किया।
महिलाओं और बाल अधिकारों के बारे में उनका भाषण सुनकर दुनिया के टॉप नीति निर्माता और अधिकारि उनकी हर बात के मुरीद हो गए।
सुपरस्टार ने अपनी स्वर्गीय मां, पत्नी और बेटी को प्रेरणा देने के लिए भी तह दिल से धन्यवाद किया।