मुंबई(अभिलाषा )– बॉलीवुड से इन दिनों मेंटल डिसआर्डर, बाइपोलर और मेंटल इलनेस की खबरें ज्यादा आ रही हैं। वो भी बड़े-बड़े स्टार्स के करियर के पीक समय पर। ये सारे स्टार इस प्रकार के डिसऑर्डर से बकायदा बाहर भी निकले और अपने फैन्स के सामने इस बात को कबूल भी किया। इस दौरान उन्होंने किन-किन चीजों का सहारा लिया, क्या सही किया क्या गलत किया सब कुछ अपने फैंन्स के सामने रख दिय। ये नहीं कि अपनी कहानी में मिर्च-मसाला लगाकर पेश किया। आज बॉलीवुड के सितारे अपने अपने चाहने वालों के बीच पुरानी सारी वेजनाओ को तोड़कर एक नया दोस्त वाला रिलेशन बनाने की ओर कदम बड़ा रहे है। नहीं तो एक समय ऐसा भी था कोई बूढ़ा होने की वजह से रशिया नहीं गया क्योंकि वहां के दर्शक उसे फिल्म में हमेशा जवान देखते थे या फिर किसी ने काले कपड़े पहनने बंद कर दिए वगैरह, वगैरह।
आज के दौर में सितारों और फैन्स का रिश्ता शायद आम दर्शक नहीं समझ पाए लेकिन सितारे और उनके चाहने वाले इसको बखूबी जानते हैं।
15 मार्च को हनी सिंह ने अपने बर्थ के एक दिन पहले अपने बाइपोलर पर्सनॉलिटी के बारे में खुलकर बात की। बताया कि सब कुछ सही शॉट चल रहा था, करियर पीक पर था और अभी भी है। लेकिन एक दिन अचानक से मुझे लगा कि यो यो कोई और है हनी सिंह कोई और है। पता नहीं किस बात को लेकर मैं परेशान होने लगा, शराब पीने लगा। नोएडा के घर में करीब 18 महीने कैद रहा लेकिन समय आया और मैं इस पीड़ा से बाहर निकला और अपने फैन्स के बीच सीधे जाकर इस बात को जाहिर किया। हनी ने माना कि वो आज जो हैं वो अपने चाहने वालों के कारण हैं। उनके फैंन्स के जानने का हक बनता है कि उनका हनी सिंह कहां था और क्या कर रहा था।
दंगल की शूटिंग कर रहे मिस्टर परफेक्टनिस्ट आमिर खान बीते साल डिप्रेसन से बाहर निकले हैं। उनकी और उनकी पूरी सत्यमेव जयते की टीम इस मेंटल डिसऑर्डर से ग्रस्त थी। वो भी ऐसे समय में जब सत्यमेव जयते ने टेलीविजन की दुनिया में इतिहास बनाया। वो और उनकी पूरी टीम करीब साल भर के बाद ग्रुप थेरेपी के सहायता से इस ट्रामा से बहार निकल पाए। आमिर सीधे अपने फैन्स के पास गए। अपनी मानसिक वेदना को बताया कि सत्यमेव जयते की शूटिंग के दौरान उन्हें और उनकी टीम को भ्रूण हत्या, मासूम बच्चियों के साथ रेप, दहेज जैसी कैसी कुरीतियों ने उन्हें भावनात्मक रूप से झकझोर दिया। उनकी आत्म अंदर तक हिल गए, खुद को संभालने में आमिर को करीब साल भर का समय लगा।
हाल ही में दीपिका पादुकोण भी डिप्रेशन से खुद को रिकवर कर अपने फैन्स से सीधे बात की। ऐसे में दीपिका ने अपने फैन्स को कॉन्फिडेंस में लिया और आपबीती सुनाई। दीपिका ने बताया था कि 2014 गर्मियों तक सब सही चल रहा था। फिल्में हिट हो रही थी लेकिन एक दिन वो अचानक से उठीं और उनके लिए जीवन एकदम से बदल गया। वो, वो नहीं थी जो एक दिन पहले थी। सब कुछ तो सही चल रहा था फिर भी अचानक से मनहूसी क्यों छाने लगी वो नहीं जानती थी। घरवालों के सामने एनर्जेटिक बने रहने की पूरी कोशिश करती पर पकड़ा गईं। डॉक्टर की दवाइयां भी असर नहीं की लेकिन मैने खुद को संभाला और आज पुराने फार्म से ज्यादा फॉर्म में हूं।आपको बता दें कि परेशानी के उन दिनों में दीपिका ने लिव लव लॉफ नाम का एक संगठन बनाया जो मानसिक रूप से बीमार लोगों का एक प्लेटफॉर्म है।
कुल मिलाकर कहानी यह है कि ये बॉलीवुड है जहां इस प्रकार की गंभीर बीमारियां अच्छे समय में होती हैं और बाकायदा ठीक भी हो जाती है। मेंटल इलनेस, बाईपोलर डिसऑर्डर और मेंटर डिसऑर्डर जितना बोलने में आसान हैं उतना है नहीं। लोगों की जिंदगी खत्म हो जाती है। अगर कोई इस बीमारी से लड़कर बाहर आ रहा है तो यह एक तरह से रैनेसा ही कहलाता है। बॉलीवुड में करियर के पीक के समय में ऐसा होता है। लेकिन भारतीय जनता का प्यार हर अपने स्टार को मुश्किलों से बाहर खींचकर ले ही आता है।