जिन्दगी के सफ़र में गुजर जाते हैं जो मकाम वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं मगर पतझड में जो फूल मुरझा जाते हैं वो बहारों के आने से खिलते नहीं कुछ लोग एक रोज जो बिछड़ जाते हैं वो हजारों के आने से मिलते नहीं उम्रभर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम वो फिर नहीं आते ... आँख धोखा है, क्या भरोसा है, सुनो दोस्तों शक दोस्ती का दुश्मन है अपने दिल में इसे घर बनाने ना दो कल तड़पना पड़े याद में जिनकी रोक लो, रुठकर उनको जाने ना दो बाद में प्यार के, चाहे भेजो हजारो सलाम वो फिर नहीं आते ... सुबह आती है, रात जाती है, यूँही वक्त चलता ही रहता है, रुकता नहीं एक पल में ये आगे निकल जाता है आदमी ठीक से देख पाता नहीं और परदे पे मंजर बदल जाता है एक बार चले जाते हैं, जो दिन रात सुबह शाम वो फिर नहीं आते ...